जिला जींद का दर्शन / वर्णन |
District wise Description of Haryana State – District Jind / हरियाणा राज्य का जिलेवार वर्णन – जिला जींद
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जिला जींद का दर्शन / वर्णन |
- स्थापना – 1 नवंबर, 1966 (पंजाब के संगरूर से अलग किया गया था)
- अन्य नाम – हरियाणा का हृदय, दूध् की नगरी
- नामकरण – जयंती देवी मंदिर के नाम पर, जींद को ‘जयंतीनगरी’ या ‘जयंतीपुरी’ के नाम से भी जाना जाता है।
- मुख्यालय – जींद
- उपमंडल – जींद, सफीदों, नरवाना, उचाना
- क्षेत्रफल – 2702 वर्ग किलोमीटर
- लिंगानुपात – 938/1000 (2019 के अनुसार)
- साक्षरता दर – 84.29 प्रतिशत (2015 के अनुसार)
- जिले में घनत्व – 493 (वर्ग किलोमीटर)
- लोकसभा क्षेत्र – सोनीपत, हिसार, सिरसा
- विधानसभा क्षेत्र – जींद, जुलाना, नरवाना, सफीदों, उचाना
- नेशनल हाईवे – 52
प्रसिद्ध स्थल –
- मुंजावता – जींद से 6 किलोमीटर की दूरी पर निरजन में स्थित मुंजावता बहुत खूबसूरत स्थान है।
- जींद के सफीदों में नागक्षेत्र नामक तीर्थ स्थल व सरोवर स्थित है।
- रानी तालाब – जींद
- पुष्कर तीर्थ – मान्यता के अनुसार भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ने यहाँ तपस्या की थी।
- सोम तीर्थ – मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण जी के कहे अनुसार पांडवों ने युद्ध में मारे गए योद्धाओं का यहाँ पर पिंडदान सोमवती अमावस्या को किया था।
- पांडु-पिंडारा – मान्यता अनुसार पांडवों ने अपने पूर्वजों का पिंडदान यहीं किया था।
- प्राचीन स्थल हंसदेहर – ऋषि कर्दम ने इस स्थान पर कई वर्षों तक तपस्या की। मान्यतानुसार इस स्थान पर भगवान ब्रह्म ने ऋषि कर्दम के विवाह में भाग लिया और विवाह में सम्मिलित होने के लिए वह एक हंस पर सवार कर आए। इसलिए इस स्थान का नाम हंसदेहर पड़ा।
- हटकेश्वर – सफीदों क्षेत्र के हाट गाँव में हटकेश्वर धाम महर्षि दधीचि की तपोस्थली है। प्रतिवर्ष इस स्थान पर मेले का आयोजन किया जाता है।
- धमतान साहिब का गुरुद्वारा – नरवाना – टोहाना रोड पर स्थित यह गुरुद्वारा सिक्खों के नौवें गुरु तेग बहादुर के रात्रि विश्राम करने के कारण प्रसिद्ध है।
- बीरबारा वन्य जीव अभयारण्य – 2007 में स्थापना
- भूतेश्वर मंदिर – रानी तालाब के बीचों – बीच बना हुआ है। इसका निर्माण 1778 – 80 के बीच जींद रियासत के महाराजा रघुवीर सिंह ने करवाया था। यह मंदिर भगवान शिव को समखपत है।
- जीतगिरी मंदिर – काकडौद।
- जींद का किला – 1795 में गणपत सिंह ने इसका निर्माण करवाया था।
- जयंती पुरातत्व संग्रहालय – 2007 में स्थापना।
- हजरत गाजी साहिब की दरगाह – नरवाना।
प्रसिद्ध मेले –
- पांडु-पिंडारा अमावस्या का मेला – यह मेला पिंडदान के लिए प्रसिद्ध है। पांडवों ने अपने पूर्वजों का पिंडदान यहीं किया था।
- रामराय का मेला – यह रामराय में लगता है। मान्यता के अनुसार भगवान परशुराम ने इस स्थल पर यज्ञ किया था।
- शिवजी मेला – भूरायन में लगता है।
- सच्चा सौदा मेला – सिंहपुरा।
- बाबा भोलानाथ का मेला – खरकराम।
- नागक्षेत्र तीर्थ मेला – सफीदों।
- नागदेव का मेला – घोघड़िया।
- धमतान साहिब का मेला – धमतान।
- हरकेश्वर का मेला – हाट गाँव, सफीदों।
प्रमुख उद्योग –
- सूती वस्त्र
- पावरलूम
- वस्त्र उद्योग
- चीनी
- इस्पात
- ट्यूब
- साइकिल कारखाने
- हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड
प्रमुख शिक्षण संस्थान –
- चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय – 2013 में स्थापना
- जींद पॉलीटेक्निक कॉलेज – 2013 में स्थापना
- जींद इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (JTET) – 2013 में स्थापना
प्राचीन स्थल –
- बराह गाँव – महाभारत के अनुसार बराह गाँव में भगवान विष्णु ने 12 अवतार लिए थे। इसका उल्लेख ‘वामन’, ‘पदम पुराण’ और ‘महाभारत’ में किया गया है।
- जींद के इक्कसग्राम में भीम ने दुर्योधन का वध किया था।
- अश्वनी कुमार तीर्थ – जींद के असान गाँव में स्थित है। इस स्थान से अश्वनी देवताओं की कथा जुड़ी हुई है।
प्रसिद्ध व्यक्तित्व –
- पंडित अमीलाल – स्वतंत्रता सेनानी, ‘गाँधी का सेवक’ नाम से ख्यातिप्राप्त
- यजुवेंद्र चहल – क्रिकेटर
- जगदीप सिंह लोहान – सीबीआई जज
- रामकिशन व्यास – सांगी
- महावीर गुड्डू (बमलहरी) – गायक
- चौधरी बीरेंद्र सिंह – राजनेता
- कविता दलाल – WWE रेसलर (राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित होने वाली भारत की प्रथम महिला रेसलर)
- विनोद मलिक, वजीर सिंह – कबड्डी
महत्वपूर्ण बिंदु –
- अंग्रेजों के खिलाफ जींद का विद्रोह 1814 में प्रताप सिंह के नेतृत्व में हुआ।
- 1940 ईस्वी में जींद रियासत में प्रजामंडल आंदोलन हुआ, जिसका नेतृत्व हीरा सिंह चिरानिया ने किया था।
- जींद जिला हिसार मंडल में है।
- जींद की सीमा, पंजाब राज्य से लगती है।
- जींद हरियाणा में सबसे ज्यादा 7 जिलों से सीमा साझा करता है।
- जींद में फूड पार्क व हर्बल पार्क स्थित है।
- जींद में गेंदा फूल का उत्पादन अत्यधिक होता है।
- सबसे ज्यादा भैंसें जींद जिले में हैं, इसलिए इसे ‘दूध की नगरी’ कहते हैं।
- जींद में कबड्डी अकादमी मशहूर है।
- नरवाना सिंचाई योजना (भीखेवाला, खरड़वाला, खुर्दकलां, फुलियाकलां गाँव में)
- सबसे कम पक्की सड़कों का घनत्व – जींद।
- अर्जुन स्टेडियम
- एकलव्य स्टेडियम
- हरियाणा का ‘काला सोना’ कही जाने वाली जींद की मुर्रा भैंस की कीमत – 25 लाख रुपये है।
- जींद में सबसे कम झाड़ियां पाई जाती हैं।
- मिल्क प्लांट – यहाँ वीटा (टपजं) का मिल्क प्लांट है।
- पशुओं का चारा प्लांट – पशुओं हेतु उत्तम चारे के निर्माण के लिए बने इस प्लांट में विदेश निर्मित मशीनों का इस्तेमाल होता है।